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आज महाराणा प्रताप की जयंती पर चलिये कुम्भलगढ़

महाराणा प्रताप (९ मई, १५४०- १९ जनवरी, १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे. हिंदू कलेंडर के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ शुक...

नागार्जुन सागर बाँध,गुंटूर


आंध्र प्रदेश में गुंटूर की स्‍थापना फ्रांसिसी शासकों ने आठवीं शताब्‍दी के मध्‍य में की थी.करीब 10 शताब्दियों तक उन्‍होंने यहां राज किया. बाद में 1788 में इसे ब्रिटिश साग्राज्‍य में मिला दिया गया.यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है.

इस विश्व विद्धयालय के कुलपति आचार्या नागार्जुन हुआ करते थे.जो की एक बड़े बोद्धनुयायी थे.
अवशेष में पाए स्तूप पर ब्राहमी में लिखा बताता है की यहाँ भगवान बुद्ध भी कभी रहे होंगे.
कृष्णा नदी पर बने इस बाँध का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है.
गुंटूर बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है. प्राचीनकाल में यह' विजयपुरी 'था .

द्वादश ज्योतिर्लिंग -[भाग-9]- त्रयम्बकेश्वर

jyotirlingsholk
त्रयम्बकेश्वर-:
Tryambakeshwar Temple, NasikTryambakeshwar Temple
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक'त्रयम्बकेश्वर 'महाराष्ट्र के नासिक में है.
नाशिक शहर से ४० कि.मी दूर एक छोटे से कस्बे त्रयम्बकेश्वर में ,गोदावरी नदी के किनारे भगवान शंकर का यह ज्योतिर्लिंग है.भक्ति और आस्था के इस पावन स्थल में [धार्मिक मान्यता के अनुसार] काल सर्प योग के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए लोग दूर दूर से यहाँ आते हैं.