ऐतिहासिक भवन आगा खान पैलेस भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक राष्ट्रीय स्मारक है.यह महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर में स्थित है.इसे 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय स्मारक' के नाम से भी जाना जाता है.
आगा खान महल को १८९२ में सुल्तान मोहमद शाह आगा खां तृतीय ने इसे बनवाया था,इसे बनवाने का उद्देश्य सूखा पीड़ित प्रजा को रोज़गार देना था.
इसे बनाने में ५ साल और १२ लाख रूपये खर्च हुए थे. ६.५ हेक्टेयर में फैले हुए इस भवन की खूबसूरत वास्तुकला इटालियन है.सुन्दर उद्यान भी यहाँ देख सकते हैं .कुल मिला कर १९ एकड़ में यह दो मंजिला महल फैला हुआ है.
१९६९ में, सुलतान आगा खां चतुर्थ ने इसे गांधी स्मारक समिति [भारत सरकार] को दान दे दिया था.
इस भवन का ऐतिहासिक महत्व इसलिए है क्यूंकि यहाँ भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू करने के जुर्म में ब्रिटिश सरकार ने १९४२ में गांधीजी को यहाँ कैद कर के २१ महीने रखा था.
महादेव देसाई जिन्हें लोग प्राय: महात्मा गांधी के निजी सचिव के रूप में जानते हैं उन्हें भी ९ अगस्त १९४२ में ही यहाँ बंदी बना कर लाया गया.महादेव जी को गांधी जी का दाहिना हाथ माना जाता था.
उस समय यहाँ महात्मा गांधी ही नहीं सरोजनी नायडू ,प्यारे लाल नय्यर,सुशीला नय्यर एवं मीराबेन भी कैद थीं.6 मई 1944 को गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा को भी यहीं कैदी बना कर रखा गया था.
इसी भवन में 14 और 15 अगस्त १९४२ की मध्य रात्रि को महादेव देसाई का निधन हुआ.महात्मा गांधी के निर्देश पर वहीं उनकी समाधि बनवाई गई और इस समाधि पर न केवल ओम लिखा गया, बल्कि एक क्रास का निशान भी बनाया गया.
महादेव देसाई के निधन के बाद फरवरी २२,१९४४ को कस्तूरबा गांधी का निधन हुआ और उनकी भी समाधि देसाई की समाधि के नजदीक ही बनाई गई.गांधी जी की अस्थियां भी यहीं स्मारक के बागीचे में रखी गई हैं.
यहीं गांधी जी और बा की मूर्ति संग्रहालय में देखी जा सकती है.गांधी जी के जीवन पर एक फोटो-प्रदर्शनी और उनके व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं जैसे उनकी चप्पलें और चश्मे,डेस्क आदि भी यहां देखे जा सकते हैं.
यही अन्य गतिविधियाँ भी सक्रीय हैं जैसे खादी ग्रामो उद्योग ,कुटीर उद्योग ,मोमबत्ती बनाने ,अगरबत्ती ,चाक आदि बनाने के प्रशिक्षण केंद्र.
राष्ट्रीय महिला संस्था सिलाई कढाई की कक्षाएं चलाती है.गरीब और जरूरतमंद को नि: शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है.
प्रति वर्ष निम्न दिवसों पर आयोजन किये जाते हैं-:
१-शहीदी दिवस [३० जनवरी ]
२-महाशिवरात्रि [कस्तूरबा गांधीजी की पुण्यतिथि]
३-स्वतंत्रता दिवस [१५ अगस्त]
४-गणतंत्र दिवस [२६ जनवरी]
५-बापू जयंती [२ अक्टूबर]
राष्ट्रीय अवकाश के अतिरिक्त सभी दिन यह पर्यटकों के लिए खुला है.
http://www.virtualpune.com/html/localguide/attractions/html/aga_khan_palace.shtml
खुलने का समय : सुबह ९ से शाम ६ बजे [१२:३०-१:३० भोजन अवकाश]
प्रवेश हेतु शुल्क है.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क इमेल -gandhi_memorial@vsnl.net
7 comments:
बहुत बढ़िया जानकारी। नई चीजें पता चलीं। अनुरोध पूर्ति हेतु धन्यवाद।
Thanks For Sharing...Informative
मैनें ये देखा है यकीनन बेहतरीन और दर्शनीय है....
Thanks for giving valuable information.
Please go through my blog Unwarat.com & read my new article Janmashti in Watford London.
Vinnie
alpana tum rahti to bahar ho parantu tumahari aatma hind ki mitti se is tarah judi hui hai ki jara bhi nahi lagta hamse alag rahti ho .itna kuchh to hum yaha rahte huye bhi nahi jaan paye .tumahare gaane sun rahi thi labme samya ke baad yah avasar haath laga ,itna madhur kanth .......saare geet manpasand ke hai ,shukriyaan in sabhi ke liye .
alpana tum rahti to bahar ho parantu tumahari aatma hind ki mitti se is tarah judi hui hai ki jara bhi nahi lagta hamse alag rahti ho .itna kuchh to hum yaha rahte huye bhi nahi jaan paye .tumahare gaane sun rahi thi labme samya ke baad yah avasar haath laga ,itna madhur kanth .......saare geet manpasand ke hai ,shukriyaan in sabhi ke liye .
alpana tum rahti to vatan se door ho par tumahari aatma sadaiv is mitti se judi hui najar aati hai ,is baat ko hum sabhi mahsoos karte hai ,tumhare madhur kanth se gaaye huye gaane ka aanand lekar yahan aai hoon bahut waqt baad tumhare gaye gane ko suna .
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