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द्वादश ज्योतिर्लिंग -[भाग-8]- भीमशंकर




महाराष्ट्र राज्य में मुंबई से करीब 265 किलोमीटर [via Pune] दूर, पूर्व की ओर भीमा नदी के तट पर भीमशंकर ज्योतिर्लिग स्थित है.
इसके उद्भव की एक कथा इस प्रकार है-
सहमाद्रि पर्वत के शिखर पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग का पुराणों में बहुत अधिक महत्व है। आकर्षक हरियाली से घिरे इस तीर्थस्थल तक पहुंचने के लिए बसों का सहारा लेना पड़ता है। पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार कुंभकरण का बेटा भीम ब्रहृमा के वर से इतना वलशाली हो गया कि उसने सभी देवताओं को हराकर इंद्र को भी परास्त कर दिया। इसके बाद उसने कामरूप के महाराजा सुर्दाक्षण को भी अपने कब्जे में कर लिया। सुर्दाक्षण शिवभक्त थे। उन्होंने कारागार में ही शिवलिंग बनाकर तपस्या शुरू कर दी। भीम ने क्रुद्ध होकर उस ज्योतिर्लिंग को तोडऩा चाहा जिससे रुष्ट होकर शिवजी प्रकट हुए और भीम का बध कर दिया तथा वहीं स्थापित हो गए। जिसके कारण इस ज्योतिर्लिंग को लोग भीमशंकर के नाम से जानते हैं।
दूसरी कथा इस प्रकार-:
सहृयाद्रि और इसके आस-पास के लोगों को त्रिपुरासुर नामक दैत्‍य अपनी असुरी शक्तियों से बहुत सताता था। इस दैत्‍य से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शंकर यहाँ भीमकाय स्‍वरूप में प्रकट हुए। त्रिपुरासुर को युद्ध में पराजित करने के बाद भक्‍तों के आग्रह पर भगवान शंकर वहाँ ज्‍योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गए। कहते है कि युद्ध के बाद भगवान शंकर के तन से जो पसीना बहा उस पसीने से वहाँ पर भीमवती नदी का जन्‍म हुआ।
नाना फदनिस [पेशवा ] जी ने यहाँ वर्तमान मंदिर बनवाया था.इसका प्रवेश द्वार लकड़ी का बना हुआ है.
[विभिन्न मतों के अनुसार --शिवपुराण की एक कथा के आधार पर भीमशङ्कर ज्योतिर्लिङ्ग असम के कामरूप जिले में गोहाटी के पास ब्रह्मपुर पहाड़ी पर स्थित बतलाया जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि नैनीताल जिले के काशीपुर नामक स्थान में एक विशाल शिवमंदिर है, वहीं भीमशंकर का स्थान है]
कैसे पहुंचें:
यहां पर पहुंचने के लिए पूना और नासिक आना अधिक उचित है,नासिक या पूना रेल के द्वारा पहुंचकर भीमशंकर के लिए प्राइवेट बसों के साथ-साथ महाराष्ट्र परिवहन निगम की बसें भी ले सकते हैं. [Nearest airport is Pune, 95 kms.,Nearest railhead is Pune.
bus-Mumbai to Bhimashankar, 265 kms. via Pune.]
जानकारी के अनुसार भीमशंकर ज्योतिर्लिंग बिल्कुल ही जंगलो में स्थित है और वह आपको रहने या खाने की सुविधा मिलना काफ़ी मुश्किल है इसलिए अपने खाने पीने की व्यवस्था कर के चलें.
यहाँ पहुँचने के लिए भी बहुत कम बसें उपलब्ध होती हैं ऐसा बताया गया है इसलिए वहां जानकारी के लिए स्थानीय सूत्रों से पूरी सही जानकारी लेकर ही नासिक या पूना से प्रस्थान करें.
[ ये सभी चित्र श्री राघवन जी से प्राप्त हुए हैं.उनका तहे दिल से आभार]
Bhima Shankar Jyothirlingaarea Bhima Shankar Jyothirlingaenter
Bhima Shankar Jyothirlingaenterance2 Bhimashankargrabhgrih
Bhramarambhika Shakthi Peet Nandhi at Bhima Shankar Temple
Bhairav at Bhima Shankar Temple Main Bell at Bhima Shankar Temple
bheemashankar यह चित्र गूगल से साभार.
References-
Wikipedia,webduniya dot com many more related sites.
http://www.maharashtratourism.gov.in/

13 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

यह कहानियाँ कितनी रोचक लगती हैं,कितना भी पढ़िए रोचकता कम नहीं होती.
चित्र और जानकारी सभी उत्कृष्ट.
धन्यवाद अल्पना जी.

Asha Joglekar said...

भीमाशंकर तीर्थ की कथाएं पढ कर ज्ञान वर्धन हुा यहां की यात्रा कोई दस वर्ष पहले की थी । आपका वृतांत पढ कर अच्छा लगा ।

संजय @ मो सम कौन... said...

इस ब्लाग की हर नई कड़ी अपने देश को नये सिरे से देखने की प्यास बढ़ा रही है। सचमुच कितनी विविधता से परिपूर्ण देश है हमारा, और हम लोग पर्यटन के लिये चुनते हैं वही जाने-माने भीड़भाड़ वाले स्थान। मैडम, ऐसे ही कहीं से सुनकर पंचमढ़ी(म.प्र.) घूमने का कार्यक्रम बनाया था और प्रकृति के बीच जाकर ऐसा जुआ खेलना वसूल हो गया था। अब फ़िर से आपके बताये इन सब स्थानों को देखने की ललक लग रही है, देखते हैं ये इच्छा कब पूरी होगी।
आपके व आपके परिवार को होली की बहुत सारी शुभकामनायें।
पुन:श्च- क्या आप यू.ए.ई. में अपने त्यौहार अपने तरीके से मना पाती हैं? महज एक जिज्ञासा!

Alka Ray said...

alpana didi

Wishing you and your family a very bright,colourful and joyful holi.
With love and best wishes

ham aapke blog par aate rahte hain. hamne saare blog padhe hain. aap bahut achi tarah samjha kar likhti hain
thanks to you
alka

Urmi said...

बहुत ही बढ़िया और रोचक पोस्ट लगा! अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई आपके पोस्ट के दौरान! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!

ज्योति सिंह said...

is jagah ki yaatra nahi ki magar par blog par sachitr varnan dekh aesa laga mano ghumkar aa gaye ,ati sundar ,jai har har mahadev ki.

Asha Joglekar said...

आपका गीत आज सुन पाई बहुत अच्छा लगा।

Pawan Kumar said...

अल्पना जी
भारत दर्शन वाकई......अद्भुत है...चित्र और लेख दोनों संग्रहणीय
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें...... !

P.N. Subramanian said...

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में बैजनाथ कहाँ है इस बारे में अनेक मत हैं. श्लोक में परली बैजनाथ कहा गया है. यह जगह महाराष्ट्र में है और वे उसे ही ज्योतिर्लिंग बताते हैं. ऐसा ही उत्तराँचल या हिमाचल में भी एक बैजनाथ धाम है. भीमाशंकर में यह जो घंटा दिख रहा है, इसे वसई के किले के अन्दर एक चर्च से लाया गया था. काफी बड़ा है. इस श्रंखला के सभी लेख पढ़े. बहुत ही अच्छी जानकारी मिल रही है. आभार.

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

रोचक पोस्ट----इस बार पुणे जाऊंगा तो यहां भी जाने की कोशिश करूंगा।

माधव( Madhav) said...

आपके ब्लॉग पर भी मै पहली बार आया हूँ और ब्लॉग पढ़कर मजा आ गया ,आपका विवरण शानदार है


http://madhavrai.blogspot.com/

Unknown said...

sundar

Unknown said...

Ati sundar