30 March राजस्थान दिवस होता है जब यहाँ Free entry होती है। शायद अन्य ऐतिहासिक इमारतों में भी फ्री प्रवेश होता हो।
2018 में टिकट 50 रुपये था।
जयपुर रेलवे स्टेशन से कोई 6 किलोमीटर दूर अरावली पर्वतमाला पर नाहरगढ़ दुर्ग का निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने जयपुर की सुरक्षा के लिए सन 1734 में करवाया था।
नाहरगढ़ किला |
यहाँ स्थित 'माधवेन्द्र भवन' को महाराज सवाई माधोसिंह द्वितीय ने बनवाया था।
दुर्ग में बावड़ियाँ और विशाल टाँका है साथ ही युद्ध सामग्री रखने के लिए शस्त्रागार ,सैनिकों के लिए बैरक बनवाए । महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के समय राज्य का खज़ाना नाहरगढ़ में रखा जाता था/ इस किले की चारदीवारी नाहरगढ़ को जयगढ़ से जोड़ती है।
दुर्ग |
रानियाँ भी कभी-कभी यहाँ समय बिताती थीं। इंडो यूरोपियन कला के नमूने दीवारों पर की गई कलाकारी से मिलते हैं।
दुर्ग के अलावा यहाँ कई आकर्षण हैं-वैक्स म्यूज़ीअम (इसका अलग से टिकट है ),शीश महल (कुछ विशेष नहीं ),रेस्टोरेंट,फूड कोर्ट ,एम्फथीअटर
नाहर बाबा का छोटा सा मंदिर भी है।
यहाँ sunset पॉइंट है शाम को जिसे देखने लोग आया करते हैं । यह दुर्ग शाम 5 30 बजे बंद हो जाता है । वहीं पास में कोई प्राइवेट रेस्टोरेंट है जहाँ शाम को 5 30 के बाद भी लोग आते हैं।
नाहरगढ़ का रास्ता जंगल जैसा है ,पहाड़ पर है इसलिए चढ़ाई है गाड़ी जा सकती है। ऑटो जाते हैं। ऑटो से जा रहे हैं तो उसी को वापसी के लिए बुक रखें क्योंकि वापसी के लिए साधन नहीं मिलते।
यह एक अभेद किला है। इस पर कभी हमला नहीं हुआ।
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