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आज महाराणा प्रताप की जयंती पर चलिये कुम्भलगढ़

महाराणा प्रताप (९ मई, १५४०- १९ जनवरी, १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे. हिंदू कलेंडर के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ शुक...

शिमला -हिमाचल की राजधानी

 शिमला '
 



फरवरी 2023 में शिमला का दो दिन का कार्यक्रम बना। ट्रेन से एक दिन पहले कहाँ सीट मिलती इसलिए HRTC की वॉल्वो ली जो रात को साढ़े दस चलकर सुबह 7 बजे शिमला के नए बस अड्डे पहुँची। नया बस अड्डा मुख्य शहर से दूर है इस बात का ध्यान रखें। आपके पास पर्याप्त समय अगर है तो कालका से शिमला के बीच चलने वाली toy  ट्रेन में एक बार सफर करना चाहिए। 

शिमला


शिमला भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य की राजधानी  है।सन् 1864 से 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक यह भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी था। श्यामला देवी, देवी काली का एक अवतार ,के नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम 'शिमला' रखा गया था।काली बारी में इन्हीं का मंदिर है।
यह 18 वीं शताब्दी के अंत तक घने वनों से भरा हुआ था। पूरे क्षेत्र में  केवल जाखू मन्दिर तथा इसके आसपास  कुछ बिखरे हुए घर ही थे।
1830 में 30 घरों वाले इस नगर में 1881 में 1,141 घर और यह पूरा कंक्रीट का जंगल हो गया है। 

स्कैन्डल पॉइंट


ये सभी स्थान आप पैदल घूम कर देख सके हैं :- Scandal point,Heritage museum,chaura maidaan ,Ridge(जहाँ भारत का दूसरा पुराना चर्च है,यहीं सारी जनता घूमती मिलेगी ),shimla club ,raj bhawan ,lakkad baazar ,Mall road, lower bazar, old Shiv temple,Kali  baari,Jaakhu temple(यहाँ के लिए आप नई बनी 'रोप वे' से जा सकते हैं या टैक्सी से या पैदल भी ! 'रोप वे' जहाँ से चलती है वह जगह ridge से थोड़ी दूर है। ,गेयटी थियेटर, जो पुराने ब्रिटिश थियेटर का ही रूप है। 

मॉल रोड
काली बाड़ी


3 लिफ्ट बनी हैं जो आपको मॉल रोड से नीचे लोअर बाज़ार तक ले जायेंगी।मॉल रोड से चलकर रिज तक आ सकते हैं। पहले दिन
हिमाचल टुरिज़म का दफ्तर रिज पर ही है। जहाँ से दिन के बस टूर बुक कर सकते हैं ,हमने भी कुफ़री के लिए बस ट्रिप बुक की। 350 रुपये एक व्यक्ति का टिकट था जो बेहद सही दाम लगे। सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक का टूर जिसमें  नलधेरा ,कुफ़री,फागु आदि जगहें दिखाई गईं। 


फागु

फागु में सबसे अधिक बर्फ पड़ती है और वहाँ सेब के बाग भी हैं । बर्फ नहीं पड़ती तो सेब भी नहीं होते!उस ऊँचाई से हिमालय पर्वत शृंखला बर्फ से ढकी उसकी चोटियाँ दूर दिखाई देती हैं।

चीनी हाउस/होटल ललित हिमाचल सरकार के अधीन


वहाँ से लौटते हुए कुफ़री के चीनी हाउस या कहें अब सरकारी रेस्टोरेंट में बदले स्थान का नाम  ललित होटल है जहाँ लंच के लिए बस रुकती है। चीनी हाउस  में शिमला अग्रीमन्ट साइन हुआ था। वहाँ मैंने बाथू की खीर खाई जो अपनी तरफ के कँगनी चावल की खीर जैसी ही थी । शिमला में जहाँ भी  चाय पी ,यह पाया कि वे चाय में  चीनी बहुत  पीते हैं कि बिना चीनी वाली चाय माँगी तो वह भी मीठी लग रही थी!हमारा उत्तर प्रदेश वैसे ही बदनाम है मीठी चाय के लिए !!

इसी के पास हिमालयन nature पार्क है जो लगभग 3 किलोमीटर में फैला है ,अधिक जानवर तो नहीं दिखे ,पर यहाँ जाना चाहिए। बड़ा ही अच्छा बनाया हुआ है।
कुफ़री में घोड़े या याक की सवारी आदि के लिए हमारी बस से कोई नहीं रुका ,सबने कहा अभी बर्फ नहीं है इसलिए बेकार है जाना!

कुफ़री से लौटते हुए विडिओ बनाते चलती बस से मेरा मोबाईल गिर गया। वो तो एक यात्री की सतर्कता ने ड्राइवर को रोककर सड़क के किनारे दूर गिरे मोबाईल की घर वापसी करा दी वरना उस दिन उससे मेरा साथ छूट गया होता!


जो जगह मुझे बहुत रोमांचक लगी वह नलधेरा/नालदेहरा  थी जहाँ घोड़े पर जाना होता है। 7000 feet ऊँचाई की चढ़ाई और आधा घंटा की राइड के लिए 500 रुपये प्रति घोडा चार्ज है यह सरकार द्वारा नियंत्रित मूल्य है।
7000 feet पर दुनिया का सबसे पुराना गोल्फ कोर्स (?)है जो अंग्रेज़ लॉर्ड कर्जन ने बनवाया और यह जगह उसको इतनी पसंद आई कि अपनी बेटी का नाम नालदेहरा /नलधेरा रख दिया!

तत्तापानी की जगह वहीं ऊपर से घोड़े वाले ने दिखाई ,अभी वहाँ जाने का सही समय नहीं था ऐसा बताया गया।
सतलुज नदी की झलक भी वहीं से दिखती है। सामने दूर इस से भी बड़ा पहाड़ था जहाँ दस हज़ार फीट /उसकी  चोटी पर केवल एक देवी मंदिर था ,गाइड ने बताया स्थानीय गाँवों के लोग वहाँ हर नवरात्रों में पैदल जाया करते हैं।

नालदहरा की चढ़ाई में कुछ खतरनाक स्थान ऐसे भी आते हैं जहाँ दोनों तरफ गहरी खाई है और घोड़े के चलने भर की जगह !  
यहाँ फिल्मी पॉइंट भी है जहाँ कई फिल्मों की शूटिंग हुई थी,प्यार झुकता नहीं ,दीवाना आदि। मात्र 100 रुपये में पारंपरिक पोशाक पहन आपके मोबाईल से ही  फ़ोटो खिंचवाने की सुविधा भी है । वहाँ चाय-नाश्ता करके सब शहर शिमला वापस आ गए।


आलू के बीज तैयार  किए जाते हैं



फागु

फागु से एक दृश्य


पुराना थीअटर


जाखू मंदिर ,यहीं हनुमान जी की बहुत बड़ी मूर्ति है जो शिमला में कहीं  से भी दिखाई देती है। इस चित्र में नहीं दिख रही ।


रात में रिज

दिन में रिज 





---सलमान और अमिताभ की मोम की मूर्ति रोप वे के दफ्तर में 
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हम लिफ्ट के पास उतरे ,उस दिन महाशिवरात्रि भी थी। लिफ्ट के पास शिव मंदिर है जहाँ सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप हैं, वहाँ महादेव के दर्शन और  अभी तक की सुरक्षित यात्रा के लिए उन्हें  धन्यवाद  किया। 


तारा  देवी और संकट मोचन भी प्रसिद्ध मंदिर हैं जिन्हें इस बार देख नहीं सकी। हाँ ,तारा देवी जहाँ है वहाँ दिल्ली वापसी की हमारी वॉल्वो बस खराब हो गई और जब तक दूसरी बस आई तक तक उस स्थान पर  उस हवा में कुछ समय शायद आधा घंटा बिताने का मौका मिला। 


वहाँ नाथू हलवाई की दूध -जलेबी प्रसिद्ध है पर इस बार नहीं खाई। वह दुकान लोअर बाज़ार में है और वहाँ तक जाकर फिर ऊपर आने का साहस नहीं था।
इस बार फरवरी में ठंड नहीं थी ,बिना किसी गरम कपड़े के आराम से घूम सके!सब सामान चंडीगढ़ से आता है इसलिए सिर्फ नाम को एक शॉल खरीदी,बस।



 

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