कनॉट प्लेस के पास बंगला साहिब गुरुद्वारे के बारे में बहुत सुना था पर देखा नहीं था ।
कल मंगलवार 17 जनवरी 23, को दिन में यहाँ जाना हुआ।
इतिहास :
सिखों के आठवें गुरु और सबसे छोटे गुरु हरीकृष्ण सिंह जी थे,जिन्हें 5 साल की आयु में सन् 1661 में गद्दी मिली ।
मात्र 8 साल में ही देहांत हो गया पर इतने कम समय में उन्होंने दिल्लीवासियों को हैजे महामारी में दी अपनी सेवा के कारण 'बाल पीर' के नाम से प्रसिद्धि पाई।
जिस बंगले में वे रहते थे वह राजा जय सिंह ने उन्हें दिल्ली में रहने के लिए दान दे दिया था ,इसी कारण इस गुरुद्वारे का नाम बंगला साहिब रखा गया है ।
यहाँ चौबच्चे /सरोवर का जल जिसे अमृत के रूप में प्रसाद में भी दिया जाता है ,भक्त बोतलों में भरकर घर भी ले जाते हैं । कहा जाता है ये जल आरोग्यवर्धक है। रोगों को दूर करता है।
प्रवेश द्वार पर लगा बोर्ड बताता है कि इसी जल से उनके समय दिल्लीवालों में फैली हैजा महामारी और चेचक रोग दूर हुए थे। बहुत ही सुकून देने वाला धार्मिक स्थल है। सबसे अधिक प्रभावी यहाँ की व्यवस्था है ।
सेल्फ़ी लेना मना है ,भवन के बाहर और आसपास की फ़ोटो ले सकते हैं।
लंगर की बहुत ही अच्छी व्यवस्था है।
(दिल्ली के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले स्थान पर होने के कारण ?)एक दिन में लगभग 10 हज़ार लोग लंगर का प्रसाद पाते हैं।
यहाँ कम खर्चे पर डिस्पेंसरी /लैब से सेवा ले सकते हैं।
Nearest Metro station: Rajeev Chowk /
Shivaji stadium for buses,
Basement has free car parking.
गुरुद्वारे में प्रवेश का कोई बंधन नहीं ,अपने सिर को कपड़े से ढककर रखें। धार्मिक स्थल की पवित्रता को बनाए रखें। प्रसाद का काउन्टर है वहाँ से चढ़ने के लिए दोने में प्रसाद ले सकते हैं।
No comments:
Post a Comment