जंजीरा दुर्ग [Pic by Vikas]
जंजीरा दुर्ग या मुरुड-जंजीरा किले के नाम से प्रसिद्ध यह किला मुरुड गाँव में हो जो की महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित है. अरब सागर में बना हुआ यह किला इतिहास में जंजीरा के सिद्दिकियों की राजधानी के रुप में प्रसिद्ध है.समुद्र की लहरों के थपेडों से अब तक अप्रभावित इस किले में आश्चर्जनक रूप से मीठे पानी का ताल भी है.
मीठे पानी का ताल
सिद्दिकी लोग अफ्रीका महादेश के सुदूरवर्ती देश अबीसीनिया से भारत आए थे. इनके यहाँ के शासन काल में बने भवनों के अवशेष पूरे क्षेत्र में देखने को मिलेंगे.मुरुड सिद्दिकियों की आखिरी चौकी थी. ३५० वर्षों से अधिक पुराने इस किले को स्थानीय लोग अजिनक्या कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ अजेय होता है.मान्यता है कि यह किला पंच पीर पंजातन शाह बाबा के संरक्षण में है,इनका का मकबरा भी इसी किले में है.
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[Entrance of fort--Pic by Vikas]
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४० फीट ऊँची मजबूत दीवारों वाले इस किले की नींव समुद्र तल में ३ किलोमीटर गहरे बनी हुई हैं. सिद्दी जौहर द्वारा इस किले का निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ था।यह 22 एकड़ में फैला है और इसमें १९ सुरक्षा चौकियां है. हर चौकी पर तोप रखी हुई हैं.
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तोप |
ब्रिटिश, पुर्तगाली, शिवाजी महाराज , कान्होजी आंग्रे, चिम्माजी अप्पा तथा शंभाजी ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था, परन्तु उन्हें असफलता ही हाथ लगी. इस किले में सिद्दिकी शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं,.किले तक ले जाने के लिए नावें फेरी लगाती रहती हैं.वर्तमान में यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रुप में विकसित है और अपने खूबसूरत बीच रिजॉर्टों के लिए प्रसिद्ध है.
यहीं सफ़ेद बालू वाला मुरुड बीच करीब 1.75 किलोमीटर लंबा है,जिसकी सुंदरता देखते बनते है.
यहां सुपारी, नारियल, पान, पाम के ढेरों पेड़ लगे हुए हैं .मुरुद - जंजीरा में ही पहाड़ी के ऊपर भगवान दत्तात्रेय का मंदिर भी है और इनके तीन सिर तीन हिन्दु देवताओं बह्मा, विष्णु और महेश्वर को दर्शाते हैं.
यहाँ घूमने जाने के लिए अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र सरकार की अधिकारिक साईट देखें-http://www.maharashtratourism.gov.in/
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Picture by Vikas |
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जंजीरा दुर्ग -[Picture by Vikas] |
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