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अर्वालम की [मानव निर्मित]गुफाएं--गोवा

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भारत के पश्चिमी तट पर स्थित राज्य गोवा का नाम जब भी सुनते हैं तो वहां के मनोरम समुद्र तट का ध्यान हो आता है.देशी-विदेशी सेलानियों में बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल.
गोवा में सिर्फ समुद्री तट नहीं हैं और भी बहुत कुछ ऐसा है जो पुरातत्व और इतिहास की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है.यूँ तो आप को गोवा के बारे में बहुत सारी जानकारी अंतरजाल पर मिल जायेगी.यहाँ मेरा प्रयास है कि आप को संक्षेप में अधिक से अधिक जानकारी दे सकूँ.
गोवा को ३० मई १९८७ भारत के २५वे राज्य का दर्जा दिया गया.
वर्तमान में प्रशासनिक दृष्टि से गोआ को उत्तरी गोआ और दक्षिणी गोआ में बांटा गया है. उत्तरी गोआ का मुख्यालय पणजी है जबकि दक्षिणी गोआ का मुख्यालय मडगांव में है
जानते हैं गोवा का प्राचीन इतिहास -:

महाभारत में जिस गोपराष्ट्र [ गायों को चराने वाला क्षेत्र ]का उल्लेख मिलता है वही तो है गोवा!
दक्षिण कोंकण क्षेत्र का उल्लेख गोवाराष्ट्र के रूप में पाया जाता है. संस्कृत के कुछ अन्य पुराने स्त्रोतों में गोआ को गोपकपुरी और गोपकपट्टनकहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता है. गोवा को बाद में कहीं कहीं गोअंचलभी कहा गया है.
जनश्रुति के अनुसार गोआ जिसमें कोंकण क्षेत्र भी शामिल है (और जिसका विस्तार गुजरात से केरल तक बताया जाता है) की रचना भगवान परशुराम ने की थी। कहा जाता है कि परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने वाणो की वर्षा से समुद्र को कई स्थानों पर पीछे धकेल दिया था और लोगों का कहना है कि इसी वजह से आज भी गोआ में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं.
उत्तरी गोवा में हरमल के पास आज भूरे रंग के एक पर्वत को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है।अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन, औरगोमंत प्रमुख हैं. टोलेमी ने गोआ का उल्लेख इसवी सन 200 के आस-पास गोउबा के रूप में किया है,ऐसा भी इतिहास कहता है कि अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से अपने यात्रा वर्णन में उल्लेख किया है और इस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोआ रखा वास्तव में वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोवा-वेल्हा है. बाद मे उस पूरे क्षेत्र को गोआ कहा जाने लगा जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया. दिसम्बर १९६१ में भारतीय फौजों ने इसे आजाद कराया था.
अरब सागर के तट पर बसा यह स्थान एक और महारष्ट्र दूसरी और से कर्नाटका से लगा हुआ है. यहाँ रहने वाले गोवन लोग अपने स्वछन्द विचारों ,हंसमुख स्वभाव के कारण दूसरो के साथ बहुत जल्दी घुल मिल जाते हैं.
goa markethandicrafts in goa

goan festival goan food
गोवा में पर्यटन स्थल-
१-समुद्री तट-
goa1arambol beach
दक्षिण में मजोर्दा , बेताल्बतिम , कालवा , बेनौलिम , वरचा , कावेलोस्सिम और पालोलेम -और पूर्वोत्तर में अरम्बोल , मंद्रेम , मोर्जिम , वगाटर , अंजुना , बागा , कालान्गुते , सिंकुएरिम , मिरामार प्रमुख तट हैं.
2-बोंडला अभ्यारण्य, कावल वन्य प्राणी अभ्यारय, कोटिजाओ वन्यप्राणी अभ्यारण्य,भगवान महावीर वन्य पशु रक्षित वन,सलीम अली पक्षी रक्षित केंद्र भी जरुर देखने जाएँ.
3-मंदिरों में-
brahma templeMangeshi temple
५०० साल पुराना मंदिर 'श्री भगवती',कामाक्षी,कालिकादेवी ,श्री दामोदर मंदिर, पांडुरंग मंदिर, महालसा मंदिर,१३वि शताब्दी का महादेव मंदिर,महालक्ष्मी,गणेश,मल्लिकार्जुन,श्री मंगेश मंदिर, रामनाथ का मंदिर, शांता दुर्गा मंदिर, गोपाल-गणेश का मंदिर आदि कई मंदिरों में एक पांचवी सदी में बना ब्रम्हा मंदिर भी उल्लेखनीय है .
प्रत्येक मंदिर स्वच्छ सुंदर तालाब , दीप स्तंभ, और आकर्षक परिसरों से युक्त हैं.
शांता दुर्गा गोवा निवासियों की ख़ास देवी हैं, कहते हैं कि बंगाल की क्षुब्धा दुर्गा गोवा में आकर शांत हो गईं और शांता दुर्गा के नाम से पूजी जाने लगीं. शांता दुर्गा का मंदिर पोंडा से ही तीन कि.मी. दूर कवले गाँव में है.
4-मस्जिद-
Safa Masjid सांगेगाँव की जामा मस्जिद और पोंडागाँव की १५ वि शताब्दी में बीजापुर के आदिलशाह द्वारा बनवाई साफा मस्जिद भी बहुत बड़ी और लोकप्रिय स्थलों में से एक है.

5- किलों में-
भाग्वाद का किला , रेयश मागुश का किला ,तेरे खोल का किला,कामसुख का किला दर्शनीय हैं.
6-south goa church
पुराने गोवा की तरफ आप जाएँ तो आप को बहुत से चर्च देखने को मिलेंगे यह स्थान एक हेरिटेज साईट है. पुराने गोवा के गिरजाघर सोलहवीं शताब्दी में निर्मित हुए हैं,पणजी-पोंडा मुख्य मार्ग पर एक ओर पुर्तगाल के महान कवि तुईशद कामोंइश का विशाल पुतला खड़ा है, तो दूसरी ओर महात्मा गांधी की भव्य प्रतिमा देखते ही बनती है.
प्राचीन और विशाल पुर्तगाली कला का प्रभाव लिए इनकी शिल्पकला मनमोह लेती है.
basilica churchप्रमुख गिरिजाघरों में से एक हैं -बासिसलका बॉम जीसस गिरजाघर जहाँ विख्यात संत फ्रांसिस जेवियर का शव ४०० साल से सुरक्षित रखा हुआ है.साल में एक बार इसे जनता के दर्शनार्थ रखा जाता है.
दूसरा प्रमुख चर्च है-सा कैथेड्राल चर्च--यहाँ का आकर्षण सोने की बनी बहुत बड़ी घंटी है.
इस के अलावा-संत फ्रांसिस आसिसी चर्च भी बहुत खूबसूरत है.
संत काटेजान चर्च के प्रवेशद्वार को कहा जाता है कि आदिलशाह के शासनकाल में क़िले का दरवाज़ा था.
इन सभी के अतिरिक्त भी कई प्राचीन चर्च हैं जो आप को वहां देखने को मिलेंगे .
7-दूध सागर जल प्रपात,सांखली गाँव में हरवलें जल प्रपात , मायम झील मनोरम स्थल हैं.
8-एक रिकॉर्ड के अनुसार गोवा में लगभग २५ मानव निर्मित गुफाएं अब तक खोजी गयीं हैं.
प्राकृतिक गुफाओं में 'वेरना गुफा 'सब से बड़ी है जिस में करीब १२०० लोगों को एकत्र किया जा सकता है.
Few Pictures Of Goa from the Album of Mr.Srikant [Pune]-
[Thanks a lot Srikant for these lovely pictures]
Mahadev temple- Srikant tambdi surlabhootnath templeSelaulim Dam in Sanguem
lighthouse near aguada fort View of Aguada fort arvalem cave arvalem cave2
Majorda, Valsao beachesbambolim beach anjuna beach by srikant Dona Paula beach
church of lady..by Srikant body of the saint old goa churches Sunset by srikant
अर्वालम की [मानव निर्मित]गुफाएं -
aravalem caves
ये गुफाएं उत्तरी गोवा में Bicholim से 9 किलोमीटर दूर स्थित हैं.
गुफाओं के बाहर लगे पुरातत्व विभाग के सूचना पट के अनुसार ये गुफाएं ६-७ वि सदी में बनाई हुई लगती हैं. भारतीय पुरातत्व विभाग की दी जानकारी के अनुसार यहाँ दो मुख्य गुफाएं और एक आवासीय स्थल पाए गए हैं.
अर्वालम गुफा के काम्प्लेक्स में में ५ कक्ष हैं [हर कक्ष में एक शिवलिंग है.] और बीच के कक्ष में बने शिवलिंग की बहुत मान्यता है.बाकि चार शिवलिंगों की रचना बहुत कुछ एल्लोरा और elphanta की गुफाओं में मिले शिवलिंगों जैसी है.इन पर संस्कृत और ब्राह्मी में लिखा हुआ है जो बताते हैं कि ये ७वि सदी के शुरू के काल में निर्मित हुए.
[Watch Aravalem caves' video clip.you can see all shivlings in this clip]-:




ऐसा कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञात वास के दौरान इन गुफाओं में ठहरे थे .कुछ इन्हें बोद्धों द्वारा बनाया भी मानते हैं .बहुत सी जगह इन गुफाओं को पांडवों की गुफा भी कहा गया है.मगर अधिकारिक नाम अर्वालम गुफाएं ही है.
घने जंगलों के बीच बनी इस गुफा के पांचों दरवाजों पर पुरातत्व विभाव ने Fence लगायी हुई है .
दिन के समय भी यह जगह थोडा भय देती है क्योंकि भालू ,चीते आदि जानवरों के आस पास हो सकने की चेतावनी bhi दी जाती है.
Aravalem waterfall यहीं पास में अर्वालम जल प्रपात भी है.इस जल प्रपात के पास रुद्रेश्वर मंदिर भी है.
अर्वालम जल प्रपात kee video clip-:



कैसे जाएँ--
गोवा जाने के लिए सभी मुख्य शहरों से रेल,सड़क,वायु मार्ग से सुविधाएँ उपलब्ध हैं.मुंबई से गोआ के लिए प्रतिदिन बसें चलती हैं.

References-
Official sites Of Goa state
Alpana

3 comments:

निर्मला कपिला said...

बहुत बडिया जानकारी है और तस्वीरों ने तो मन मोह लिया आभार्

अनिल कान्त said...

आपकी ये जानकारी मुझे बहुत अच्छी लगी...आप बहुत मेहनत करती हैं...बेहतरीन जानकारी

डॉ .अनुराग said...

हमारा फेवरेट है जी......लीला बीच