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आज महाराणा प्रताप की जयंती पर चलिये कुम्भलगढ़

महाराणा प्रताप (९ मई, १५४०- १९ जनवरी, १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे. हिंदू कलेंडर के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ शुक...

दिल्ली का जंतर मंतर


दिल्ली का यंत्र मंदिर अर्थात जंतर मंतर-

ज्ञात हो कि विकिपीडिया पर दी गयी हिंदी में इस स्थान के बारे में जानकारी मेरी ही लिखी हुई है.जिसे मैंने कुछ साल पहले अंतर्जाल पर पोस्ट किया था.जिन्होंने भी मेरी लिखी इस जानकारी को चित्रों सहित विकिपीडिया पर डाला है ,उनका धन्यवाद.

महाराजा सवाई जयसिंह [द्वितीय] का एक खगोलशास्त्री के रूप में परिचय-

राजा जय सिंह प्रथम के पोते राजा सवाई जय सिंह [द्वितीय ] [१६६६-१७४३]बहुत ही छोटी सी उम्र से गणित में बहुत ही अधिक रूचि रखते थे.उनकी औपचारिक पढ़ाई ११ वर्ष की आयु में छूट गयी क्योंकि उनकी पिताजी की मृत्यु के बाद उन्हें ही राजगद्दी संभालनी पड़ी थी.

जनवरी २५,सन् १७०० में गद्दी संभालने के बाद भी उन्होंने अपना अध्ययन नहीं छोडा.उन्होंने बहुत खगोल विज्ञानं और ज्योतिष का भी गहरा अध्ययन किया.उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत से खगोल विज्ञान से सम्बंधित यंत्र एवम पुस्तकें भी एकत्र कीं. उन्होंने प्रमुख खगोलशास्त्रियों को विचार हेतु एक जगह एकत्र भी किया.हिन्दू ,इस्लामिक और यूरोपीय खगोलशास्त्री सभी ने उनके इस महान कार्य में अपना बराबर योगदान दिया.

अपने शासन काल में सन् १७२७ में,उन्होंने एक दल खगोलशास्त्र से सम्बंधित और जानकारियां और तथ्य तलाशने के लिए भारत से यूरोप भेजा था.वह दल कुछ किताबें,दस्तावेज,और यंत्र ही ले कर लौटा.
न्यूटन,गालीलेओ,कोपरनिकस,और केप्लेर के कार्यों के बारे में और उनकी किताबें लाने में यह दल असमर्थ रहा.
या कहीये..eupropean समुदाय ने उन्हें पूरा सहयोग नहीं दिया.इस लिए उन्होंने जो जानकरियां मिलीं उसी के आधार पर अपने प्रोजेक्ट को पूरा किया.

निम्न लिखित masonary यंत्र खुद राजा जयसिंह द्वारा ही बनाये गए थे-

1-सम्राट यन्त्र
2-सस्थाम्सा
3-दक्सिनोत्तारा भित्ति यंत्र
4-जय प्रकासा और कपाला
5-नदिवालय
6-दिगाम्सा यंत्र
7-राम यंत्र
8-रसिवालाया

राजा जय सिंह तथा उनके राजज्योतिषी पं. जगन्नाथ द्वारा इसी विषय पर लिखे गए कुछ ग्रन्थ हैं- 'यंत्र प्रकार' तथा 'सम्राट सिद्धांत'.

५४ वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु के बाद देश में यह वेधशालाएं बाद में बनने वाले तारामंडलों के लिए प्रेरणा और जानकारी का स्त्रोत रही हैं.हाल ही में दिल्ली के जंतर-मंतर में स्थापित रामयंत्र के जरिए प्रमुख खगोलविद द्वारा शनिवार को विज्ञान दिवस पर आसमान के सबसे चमकीले ग्रह शुक्र की स्थिति नापी गयी थी.इस अध्ययन में नेहरू तारामंडल के खगोलविदों के अलावा एमेच्योर एस्ट्रोनामर्स एसोसिएशन और गैर सरकारी संगठन स्पेस के सदस्य भी शामिल थे.




कनोटप्लेस में स्थित स्थापत्य कला का अद्वितीय नमूना 'जंतर मंतर 'दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है .
यह एक वेधशाला है.इस वेधशाला में १३ खगोलीय यंत्र लगे हुए हैं.
यह वेधशाला राजा जयसिंह द्वारा डिजाईन की गयी थी.
एक फ्रेंच लेखक 'दे बोइस' के अनुसार राजा जयसिंह खुद अपने हाथों से इस यंत्रों के मोम के मोडल तैयार करते थे.

जैसा आप सभी जानते हैं कि जयपुर की बसावट के साथ ही तत्कालीन महाराजा सवाई जयसिंह [द्वितीय] ने जंतर-मंतर का निर्माण कार्य शुरू करवाया, महाराजा ज्योतिष शास्त्र में दिलचस्पी रखते थे और इसके ज्ञाता थे.
जंतर-मंतर को बनने में करीब 6 साल लगे और 1734 में यह बनकर तैयार हुआ। इसमें ग्रहों की चाल का अध्ययन करने के लिए तमाम यंत्र बने हैं.यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।

दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद [उज्बेकिस्तान] की वेधशाला से प्रेरित है। मोहम्मद शाह के शासन काल में हिन्दु और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थित को लेकिर बहस छिड़ गई थी। इसे खत्म करने के लिए सवाई जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया। राजा जयसिंह ने भारतीय खगोलविज्ञान को यूरोपीय खगोलशास्त्रियों के विचारों से से भी जोड़ा .उनके अपने छोटे से शासन काल में उन्होंने खगोल विज्ञान में अपना जो अमूल्य योगदान दिया है उस के लिए इतिहास सदा उनका ऋणी रहेगा.

ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं।

सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से वक्त और ग्रहों की स्थिति की जानकारी देता है।

मिस्र यंत्र वर्ष के सबसे छोटे ओर सबसे बड़े दिन को नाप सकता है.

राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताता है।

राम यंत्र गोलाकार बने हुए हैं.
Thanks to Mark Iles for providing these beautiful pictures.

Delhi Jantar Mantar Delhi Jantar Mantar (16)
Delhi Jantar Mantar (15) Delhi Jantar Mantar 2
Delhi Jantar Mantar 4 Delhi Jantar Mantar (8)
Delhi Jantar Mantar (7) Delhi Jantar Mantar (6)
Delhi Jantar Mantar 3राम यंत्र राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताता है।



दिल्ली की इस  वेधशाला को  विडियो में देखीये-


-इन सभी यंत्रों की कार्यविधि को विस्तार से जानना चाहते हैं तो यहाँ से pdf.फॉर्मेट में पूरी सामग्री को डाउनलोड भी कर सकते हैं.
Also watch-- http://youtu.be/hbBPa2SxrD4बड़ी बड़ी इमारतों से घिर जाने के कारण आज इन के अध्ययन सटीक नतीजे नहीं दे पाते हैं.

दिल्ली सहित देशभर में कुल पांच वेधशालाएं हैं- -दिल्ली के अतिरिक्त बनारस, जयपुर , मथुरा और उज्जैन  में मौजूद हैं, जिनमें जयपुर जंतर-मंतर के यंत्र ही पूरी तरह से सही स्थिति में हैं.

मथुरा की वेधशाला १८५० के आसपास ही नष्ट हो चुकी थी.
[दुर्भाग्य से यह दिल्ली में जन आंदोलनों /प्रदर्शनों/धरनों की एक जानी मानी जगह भी है ]
Reference-
http://www.jantarmantar.org/


-अल्पना वर्मा

9 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

जंतर मंतर पर आपके द्वारा दी गयी जानकारी बहुत वृहद एवं रोचक है.

सादर

vijai Rajbali Mathur said...

जंतर-मंतर पर राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन को आपने ठीक ही दुर्भाग्यपूर्ण कहा है.वस्तुतः इस प्राचीन वैज्ञानिक धरोहर की गरिमा को अक्षुण रखना चाहिए.
गृह-नक्षत्रों के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी की आपकी शिकायत को शीघ्र ही दूर करने का प्रयास करूँगा.

Alpana Verma अल्पना वर्मा said...

@Vijai ji धन्यवाद .
वास्तव में ,आप के लेख में नक्षत्रों में जन्मे व्यक्ति के बारे में सिर्फ एक पंक्ति में बात कह देना बहुत ही संक्षिप्त सा लगा था .अगर पुनर्जनम पूर्व जन्म की बात न करें तो ...कुछ नक्षत्रों में जन्मे व्यक्तियों में सिर्फ गुण हैं तो कुछ में सिर्फ अवगुण!
आप की अगली पोस्ट का इंतज़ार रहेगा.
आभार.

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

दिल्ली में रह रहा हूं, सैकडों मर्तबा जंतर मंतर गया हूं। पर ये लेख पढने के बाद लगा कि आज पहली बार जंतर मंतर गया।

आपका बहुत बहुत आभार

डॉ. मनोज मिश्र said...

आप रोचकता और पूर्ण मनोयोग से पोस्ट लिखती हैं,यह जानकारी भी ऐतिहासिक हो गयी,बहुत धन्यवाद.

Chaitanyaa Sharma said...

अच्छी जानकारी ...बढ़िया फोटोस के साथ ...थैंक यू

Alpana Verma अल्पना वर्मा said...

@mahendra srivastava जी आप को अगर ऐसा लगा है तो जानिए कि मेरा लिखना सार्थक हो गया.
@धन्यवाद मनोज जी ,चैतन्य ओर यशवंत .

Unknown said...

जंतर मंतर के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद

Unknown said...

Kon sa jantar mantar sabse pahale bana tha